ज्ञानज्योति कलाम साहब को श्रद्धांजलि स्वरुप। ज्ञानज्योति कलाम साहब को श्रद्धांजलि स्वरुप।
स्त्रियों के भी कई रूप होते हैं , वो जब प्रेम की सीढ़ी चढ़ती है,तो बस उसी में खो जाती। स्त्रियों के भी कई रूप होते हैं , वो जब प्रेम की सीढ़ी चढ़ती है,तो बस उसी में ...
जानता नहीं कि आसूं मेरे बाक़ी हैं कितनों का हौसला बढ़ाते चला जहाँ जो भी हो, या जितने जानता नहीं कि आसूं मेरे बाक़ी हैं कितनों का हौसला बढ़ाते चला जहाँ जो भी हो...
प्रेम के रूप प्रेम के रूप
संभाले नहीं संभला जो आज बदला है। जिंदगी का रूप-रंग निखरा है। संभाले नहीं संभला जो आज बदला है। जिंदगी का रूप-रंग निखरा है।
दोस्त को लगा मैं चला गया उससे मुँह मोड़ के ॥ हम आगे बढ़ते रहे ,अपने अपने हिस्से का धागा लिऐ हाथ में । ... दोस्त को लगा मैं चला गया उससे मुँह मोड़ के ॥ हम आगे बढ़ते रहे ,अपने अपने हिस्से का...